आधे घंटे का आसमां
ये आधे घंटे का आसमां
कोई जादुई करिश्मा-सा था
एक ऐसा रंगमंच
जहाँ ज़िन्दगी खेली जा रही थी।
साँझ के इस अनुपम टुकड़े से
आँखें तब तक जुडी रहीं
जब तक वहां रौशनी मौजूद रही
आखिरी कतरे तक
काले बादलों के बीच।
कभी के अस्त हो चुके सूरज से
सुनहरी रेखाएं
चमकीले बिंदु
एक विराट खेल
रच रहे थे
ऐसा खेल जो कह रहा था
रोशन दिल ही शिनाख्त है
ज़िन्दगी की।
ज्यों ही आसमां गहराया
रेखाओं और बिन्दुओं की
लय-ताल टूटी
निगाह भी छूटी
हाँ केवल और केवल
रौशनी ही शिनाख़्त है ज़िन्दगी की
आज के दिन यही पाठ पढ़ाया कुदरत ने
कोई जादुई करिश्मा-सा था
एक ऐसा रंगमंच
जहाँ ज़िन्दगी खेली जा रही थी।
साँझ के इस अनुपम टुकड़े से
आँखें तब तक जुडी रहीं
जब तक वहां रौशनी मौजूद रही
आखिरी कतरे तक
काले बादलों के बीच।
कभी के अस्त हो चुके सूरज से

चमकीले बिंदु
एक विराट खेल
रच रहे थे
ऐसा खेल जो कह रहा था
रोशन दिल ही शिनाख्त है
ज़िन्दगी की।
ज्यों ही आसमां गहराया
रेखाओं और बिन्दुओं की
लय-ताल टूटी
निगाह भी छूटी
हाँ केवल और केवल
रौशनी ही शिनाख़्त है ज़िन्दगी की
आज के दिन यही पाठ पढ़ाया कुदरत ने
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें