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जुलाई, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जयपुर की महारानी गायत्री देवी नहीं रहीं

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जयपुर की महारानी गायत्री देवी का आज जयपुर में निधन हो गया . वे ९० वर्ष की थीं .बुधवार दोपहर संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. कूंच बिहार में जन्मीं गायत्री देवी का असली नाम आयशा था.उनका विवाह जयपुर के महाराजा मानसिंह के साथ १९४० में हुआ. वे उनकी तीसरी पत्नी थीं. उनका रहन-सहन अन्य महारानियों से अलग था .वे घुड़सवारी करतीं गौल्फ़ खेलती शिकार पर जातीं . इन सब के बावजूद गायत्री देवी से सादगी और गरीमा कभी अलग नहीं हुई .वोग पत्रिका ने उन्होंने दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं में शुमार किया. मकबूल फ़िदा हुसैन और अमिताभ बच्चन उनके प्रशंसकों में रहे हाँ इंदिराजी से ज़रूर उनका बैर रहा. वे जयपुर से तीन बार सांसद का चुनाव जीतीं लेकिन आपातकाल [१९७५] में उन्हें इंदिरा गाँधी ने तिहाड़ जेल में बंद कर दिया . पिछले कुछ दिनों से वे अस्पताल में दाखिल थीं . सांस लेने और पेट दर्द की शिकायत के बाद वे कुछ बेहतर भी महसूस कर रहीं थी लेकिन आज जब दफ्तर में यह खबर आयी तो सबके स्वर धीमे हो गए अधिक से अधिक सामग्री देने के जूनून के साथ सब जैसे दर्द को भी जी रहे हैं. इस गरिमावान जीवन और mgd [स्कू

बात कुफ्र की की है मैंने....

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पेश है एक वार्तालाप टॉम-उफ...क्या हो गया है देश को डिक-क्यों क्या हुआ... टॉम-अरे... अब ऐसे घृणित काम को भी कानूनी मान्यता मिल गई... महिला का महिला और पुरुष का पुरुष के साथ संबंध पर कोर्ट को कोई एतराज नहीं... डिक-तो इसमें गलत क्या है टॉम-गलत ही गलत है। ये कुदरत के खिलाफ है। सोचकर ही घिन आती है। यह फैसला शादी, परिवार जैसी व्यवस्था को खत्म कर देगा। डिक-यह सब पर लागू नहीं होता, बल्कि जो लोग ऐसे हैं उन्हें प्रताड़ना से बचाएगा। इन्हें समझने की बजाए हम घरों में कैद कर देते हैं। पुलिस उनके साथ खराब सुलूक करती है। टॉम-इन्हें क्या समझना...ये तो बीमार और पागल हैं। डिक- यह न तो बीमार हैं और न असामान्य। जैसे आप किसी स्त्री को पसंद करते हैं या कोई स्त्री पुरुष को पसंद करती हैं, वैसे यह प्रवृत्ति भी जन्मजात है। टॉम-सब बकवास है। इनका तो इलाज होना चाहिए, न कि इन्हें अधिकार दिए जाने चाहिए। इन्हें बढ़ावा क्यों दे रहे हैं? डिक-नहीं, यह कोई छूत की बीमारी नहीं है, जो दूसरों में फैल जाएगी। इसके लिए एक जीन जिम्मेदार है। टॉम-ऐसे गन्दे काम के लिए भी जीन जिम्मेदार हैं। डिक-हां है, तुम उसे सिर्फ सेक्स तक ही देखते ह

आय लाइक करिना - वसीम अकरम

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आज कुछ पुराने पन्नों से। करीब पौने तीन साल पहले [6th oct 2006] वसीम अकरम जयपुर आए थे। राजस्थान पत्रिका की सिटी मैग 141 के लिए उनसे मुलाकात करनी थी। होटल रामबाग पैलेस में वे बहुत कूल और कांफिडेंट नजर आ रहे थे । साथ ही भारत की तरक्की से प्रभावित भी। पेश है वही प्रकाशित इंटरव्यू जस का तस। दुनिया के सबसे तेज लेफ्ट आर्म फास्ट बॉलर, गुड कमेंटेटर बट सिवियरली डायबिटिक वसीम अकरम शुक्रवार को जयपुर में थे। खेल के मैदान में जितने आक्रामक, जाती जिंदगी में उतने ही हंसमुख और मिलनसार। हर सवाल के लिए तैयार, कहीं नो कमेन्ट नहीं। क्रिकेट, पॉलिटिक्स, इंडिया, बॉलीवुड, बीमारी सबके बारे में वर्षा भम्भाणी मिर्जा की वसीम अकरम से एक्सक्लूसिव बातचीत- कहते हैं, जिसने लाहौर नहीं देखा, वो पैदा ही नहीं हुआ। जयपुर के बारे में क्या कहेंगे ? > हां, मैं लाहौर का हूं, लेकिन जयपुर बहुत खूबसूरत है। पूरी दुनिया में रिच हेरिटेज-कल्चर के लिए जाना जाता है। जब मैचेस के लिए आते थे, तब टाइम नहीं होता था। अब देखना चाहूंगा। आपके सामने (बातचीत रामबाग पैलेस की लॉबी में हो रही थी) एसएमएस स्टेडियम है, जहां चैंपियं