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मार्च, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ए टु `जेड `

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सच कहूं तो ब्रिटिशde जेड गुडी पर लिखने का कोई इरादा नहीं था। आक्रामक अंदाज, बेतरतीब रहन-सहन, आधे-अधूरे कपड़ों ने उन्हें सेलिब्रिटी जरूर बना दिया था लेकिन सम्मान कहीं गायब था। सत्ताईस की जिंदगी और इतनी .सनसनी डेंटल नर्स का पेशा प्रेम , दो बच्चे , चर्चित सेलेब्रिटी ,फिर प्रेम कैंसर शादी और फिर एक महीने बाद सब कुछ ख़त्म लेकिन एक साल में जेड की जिंदगी में जो कुछ भी हुआ उन्होंने जिस तरह उसे लिया वह जेड के बेहद साहसी और समझदार महिला होने की ओर इशारा करता है। पिछले साल भारतीय रिएलिटी शो बिग बॉस में काम करते हुए जेड को पता चला कि उन्हें sarvical कैंसर है और वे ज्यादा दिनों तक नहीं जी पाएंगी। फितरतन इनसान हर काम को तरीके से ही करना चाहता है लेकिन जिंदगी की रफ्तार उसे भटका देती है। अन्यथा क्यों मरने से एक माह पहले जेड गुडी अपने प्रेमी से शादी करती। उस समाज में जहां बिना शादी के संबंध और फिर बच्चे पैदा कर दिए जाते हैं। जेड ने न केवल शादी की बल्कि उसके विडियो राइट्स भी बेचे ताकि उसके बाद बच्चों को कोई तकलीफ नहीं हो। यहां तक कि जेड ने अपनी मृत्यु को दिखाने के अधिकार भी बेच दिए। कैंसर की पीड़ा में गु

सुरा सुन्दरी के बाद

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बधाई हो। गांधी जी का सामान भारत आने वाला है। उनकी चमडे़ की चप्पल, चश्मा और घड़ी अब हमारी हुई। विजय माल्या ने इन्हें अठारह लाख डालर की बोली लगाकर खरीदा है। भले ही भारत सरकार से सांठ गांठ कर उन्होंने बोली लगाई हो लेकिन इस खबर ने सुकून दिया है।हवाई यात्राओं , सुरा और सुंदरियों के (किंगफिशर का बहुचर्चित कैलेंडर)अलावा अब कुछ और भी उनमें नजर आएगा। यह और बात है कि ये स्मृति चिन्ह ससम्मान हमें मिलने की बजाए नीलामी के जरिए मिले। यदि नीलामी हमारे हक में ना हुई होती तो.. ? बहरहाल, मेरे जैसे कई भारतीय खुद को मुक्त महसूस कर रहे हैं। भीतर ही भीतर कुछ बेहतर लग रहा है। नीलामी के पहले तक अजीब सी बैचेनी थी।