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प्यार के चार अक्स

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खुशियां आती हैं मेरे पास तन्हाई के रैपर में लिपटी हुई तुम्हें नहीं मालूम तन्हाई के रैपर में लिपटी हुई खुशियों के मायने इसके खुलते ही मैं समां जाती हूँ इसमें सारा जुनूं बस तुम्हारे करीब रहने का है। तुम्हारी यादों की नम मिटटी में बने शामियाने में शाम गुज़ारने का है।  2  ये जो मेरे भीतर भरा है  तेरे लिए प्रेम चाहती हूँ यह ऊष्मा संचारित हो जाए किसी जोड़े में प्यार की सबसे ज़यादा दरकार ज़िंदा कौमों को है .  3 कभी कहा था तुम बिन नहीं होगा जीना फिर, ये कौन जीए जाता है एक बुत ताबूत से बना. 4 वह दुनिया का सबसे लम्बा चुम्बन था समय के फैर में कौन पड़ता वह तो गुम थी युगों के लिए.