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जनवरी, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भीतर देवदासी चलेगी स्त्री नहीं

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नए साल की ठंडी सांझ में चंडीगढ़ की सड़क पर जब एक गुरुद्वारा दिखा तो हम सब सर ढककर भीतर हो लिए। गुरुग्रंथ  साहब को प्रणाम कर जब पैसे निकाल कर दानपेटी ढूंढऩी चाही तो एक सेवादारनी ने धीमे लेकिन साफ शब्दों में कहा कि यहां पैसे नहीं चढ़ते। हमने चुपचाप पैसे अंदर रख लिए। यह निषेध था लेकिन मन को बहुत अच्छा लगा। अगर इन्होंने गुरुद्वारे के बाहर ही यह कहकर रोक लिया होता कि आप स्त्री हैं और भीतर नहीं जा सकती तब जाहिर है यह रोक या बैन हमें भीतर तक आहत कर जाता। केरल स्थित विश्व के बड़े तीर्थस्थल  सबरीमाला  अयप्पा मंदिर में यही सब हो रहा है। वहां दस से पचास वर्ष की महिला का भीतर जाना वर्जित है। उनके तर्क  हैं कि ये अवतार ब्रह्मचर्य का है और मासिक धर्म एक अपवित्र प्रक्रिया है। हमारे यहां किचन में भी उन दिनों स्त्री का जाना वर्जित है । उनका तीसरा तर्क है कि महिलाओं का इतनी लंबी और जंगल से होने वाली परिक्रमा करना ठीक नहीं है। वे मन ही मन ईश्वर का ध्यान कर सकती हैं। केरल के सबरीमाला में हर साल छह करोड़ यात्री दर्शन के लिए आते हैं और यह नाम उस आदिवासी शबरी के नाम पर है जिनके झूठे बेर राम ने खाए थे। वा

जयपुर से फुलेरा

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हमारी लापरवाही की उधड़ी लेकिन सिस्टम की सिली बखिया दिखाती एक पोस्ट  एएसआई रामखिलावन मीणा, हेड कांस्टेबल भागूराम और कांस्टेबल शिव सिंह टैब सौपते हुए नए साल का आगाज जो यकीन से हो तो उम्मीद बंधती है और जो नायकीनी से हो तो? जयपुर रेलवे स्टेशन से चली आशंका अगर फुलेरा पर जाकर निर्मूल साबित होती है तो हालात बेहतर हैं एेसा मानना चाहिए। घटना कुछ यूं है कि चंडीगढ़ से तीन जनवरी की सुबह जयपुर पहुंची गरीब रथ से उतरने के बाद बेटे को याद आया कि हम अपना टैब (मोबाइल और लेपटॉप के बीच का वर्जन) तो ट्रेन की ऊपरी बर्थ पर ब्लैंकेट के नीचे ही भूल आए हैं। लापरवाही हो  चुकी थी] ऑटो स्टेंड से प्लेटफॉर्म पर लौटे तो देखा ट्रेन प्लेटफॉर्म छोड़ अजमेर की ओर सरक चुकी है। तुरंत स्टेशन मास्टर के कार्यालय पहुंचे। ट्रेन की लोकेशन मालूम कर उन्होंने कहा कि आप आरपीएफ (रेलवे पुलिस फोर्स) में जाकर शिकायत लिखा दीजिए। वहां सब इंस्पेक्टर बलराम काजला (यही नाम उनके बैज पर लिखा था) अपने काम में मसरूफ थे। हमें बैठाकर उन्होंने फोन पर कहीं सूचना दी पता लगा गाड़ी करीब डेढ़ घंटे बाद फुलेरा पहुंचेगी तभी कुछ हो सकता है। टैब जिस कवर