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लाइट्स कैमरा फ्रैक्शन। ये  एक्शन, फ्रैक्शन यानी दो  फाड़ में उस वक़्त बदला जब कल गुरुवार को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह  में यह तय हुआ कि कुछ ख़ास  पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ  कोविंद देंगे और  कुछ सूचना  और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी। सम्मान हासिल करने वालों को इस बात से एतराज़ था कि वे देश  के राष्ट्रपति से अवॉर्ड लेने आए  हैं  जो दलगत राजनीति से ऊपर और देश के प्रथम नागरिक हैं। हालत यह हुई कि सवा सौ  में से 50  सम्मानित अतिथि आये थे लेकिन समारोह में नहीं शामिल  हुए। जिन ख़ास 11 को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया उनमें से एक ने भी  कहा कि मैं इनके साथ हूँ लेकिन अवार्ड इसलिए ले रहा हूँ क्योंकि यह राष्ट्रपति की अवमानना होती।                           बहरहाल 65 सालों  की परंपरा को यह बड़ा सदमा है जब राष्ट्रिय सम्मान का यूं बहिष्कार हो। बेशक इन हालात से बचा जा सकता था क्योंकि अवार्ड लेने वालों को जो चिट्ठी  मिली थी उसमें उन्हें राष्ट्रपति ही सम्मानित  करनेवाले थे, फिर ऐनवक़्त पर यह निर्णय क्यों कर हुआ? इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक समर्थ महाजन अपने माता - पिता के साथ होशियारपुर पंजाब से बेस्ट ऑ