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फ़रवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गाली गलौज और बलात्कार जैसी घृणित टिप्पणियों का सोशल मीडिया

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जिस तरह से महिला पत्रकारों , सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिज्ञों को गालियां दी जा रही है ,लिंग की तस्वीरें भेजी जा रही हैं और उनकी देह की नापतौल की जा रही है वह भीतर तक घृणा और जुगुप्सा से भर देता है। मुद्दों पर बोलने में तो इनकी  ज़ुबां तालू में धंस जाती है लेकिन सोशल मीडिया पर अपशब्द लिखने ,फोटोशॉप से उनकी नग्न तस्वीर बनाकर भेजने, उनके नामों को कॉल गर्ल की लिस्ट में जोड़ने की क़वायद में वे एक दूसरे को जबरदस्त टक्कर दे रहे हैं।  क्या ये लोग एक बार भी नहीं सोच पाते होंगे कि हम उनके दिमाग से की गयी बातों का जवाब उनकी देह पर टीका टिप्पणी से दे रहे हैं। पत्रकार राना अय्यूब  का चेहरा एक पोर्न एक्ट्रेस से रिप्लेस कर चलाया जाता है। पत्रकार सागरिका घोष भी ऐसे ही ट्रोल होती हैं। बरखा दत्त ज़रूर ऐसे लोगों को एक्सपोज़ करने में लगी हैं। बहुत संभव है कि आप पत्रकार बरखा दत्त की कश्मीरियों के प्रति उदारता से इत्तेफ़ाक़ ना रखते हों, कुछ और मसलों  पर भी आपकी नाराज़गी हो लेकिन बदले में तर्क रखने की बजाय आप तो जैसे बदले पर उतर आते हैं। यही तो कहा था उन्होंने कि इस संकटकाल में कश्मीरियों के लिए मेरे द

यह कैसी डेट

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अगर किसी जोड़े को डेट के लिए जेल का परिसर केवल इसलिए  मिलता है क्योंकि उनमें से एक  सरकार के ख़िलाफ़ टिप्पणी कर देता है तो यह कोई उदार सरकार का चेहरा तो नहीं कहा जा सकता   अपनी एक फैस बुक पोस्ट में वह लिखती है, आज वह डेट पर है। उम्र कोई हो, धड़कने इस मोड़ पर एक पाठक की भी थोड़ी व्याकुल हो ही जाती हैं लेकिन वहां पर न तो कोई रूमानी माहौल था और  ना कोई वैसा उत्साह जो कभी बीस साल पहले इम्फाल में रहते हुए उसने  महसूस किया था। वह जेल का परिदृश्य था। वह अपने पति से मिलने आई थी। पति किशोरचंद्र वांगकेम पत्रकार हैं और उत्तर पूर्व के राज्य मणिपुर में सलाखों के पीछे डाल दिए गए हैं। अपराध था मणिपुर सरकार की आलोचना का । मुख्यमंत्री बिरेन सिंह मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री हैं और पत्रकार का गुनाह ये  कि उन्होंने राज्य में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव को मनाए जाने के खिलाफ अपनी पोस्ट में विवादस्पद वीडिओ का उपयोग किया था।   पत्रकार ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को केंद्र सरकार की कठपुतली कहते हुए लिखा था, विश्वासघात न करें, मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानी का अपमान न करें। मणिपु