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एम आय रेप प्रूफ नाउ ???

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थोड़ा ध्यान से  के एक दृश्य में मल्लिका तनेजा जयपुर में रविवार की दोपहर कुछ ज्यादा ही सर्द थी, लेकिन जयरंगम नाट्य उत्सव के तहत आयोजित एक नाटक थोड़ा ध्यान से ने मौजूद दर्शकों के दिमाग की नसें गर्म कर दी थी। सभागार के अंधेरे में लाल किरणों की रोशनी में एक लड़की केवल अंत:वस्त्रों में नजर आती है। फिर, एक-एक कर वह अपने तमाम वस्त्र पहनती जाती है, जिनका ढेर उसके सामने लगा है। वह कहती है उसे ऑफिस पार्टी में जाना है... आपको दिख ही रहा है कि मुझे कपड़ों का कितना शौक है... पर तैयार होने का मतलब ये तो नहीं कि आप कुछ भी बेढंगा पहनकर निकल जाओगे? लड़कियों को ध्यान देना चाहिए कि वे क्या पहनकर निकल रही हैं। उसकी आवाज में तीखा व्यंग्य है और वह अपने शरीर पर एक के ऊपर एक कपड़े डाल रही है। टी-शर्ट, स्टोल, लेगिंग, फिर सलवार, फिर कुर्ता और अंत में एक हेलमेट लगाकर वह दर्शकों से पूछती है कि मैं कैसी लग रही हूं। दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा मल्लिका तनेजा के इस बारह मिनट के स्केच ने ऐसे सवाल पूछ डाले थे, जिसका कोई जवाब किसी के पास नहीं है। अगर कुछ है तो वे बयान, जिसमें वे कहते हैं कि लड़