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मई, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पाक कलश

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nature smiles : kalash woman   wonder vally : kalash दुनिया का सबसे चर्चित मुल्क पाकिस्तान। आतंकियों को पनाह देने वाला, लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने वाला] सैनिक-गैर सैनिक हुक्मरानो की अदूरदर्शी नीतियों का शिकार पाकिस्तान। अमेरिका की गोद में बैठकर उसी से नफरत करने वाला पाकिस्तान। औरतों के हक की अनदेखी करता पाकिस्तान और पड़ोसी भारत को बेवजह हौव्वा मानने वाला पाकिस्तान। ... लेकिन इसी पाकिस्तान में एक बेहद खूबसूरत जगह है कलश। नाम जितनी ही पवित्र और सुंदर। पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम और हिंदु कुश हिमालय पर्वत शृखलाओं के बीच बसी जन्नत के नजारे वाली इस घाटी के बाशिंदे आजाद खयाल हैं। स्त्री परदे में नहीं है।  एक ऐसा त्योहार भी इस घाटी में मनता है जब एक लड़की के लिए सब कुछ मुमकिन है। वह अपने प्रेम का इजहार कर सकती है और अपनी शादी को तोड़ सकती है। बेशक, यह पाकिस्तान की आम औरतों की जिंदगी से बिलकुल अलग है। बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप से अलग है। बीबीसी वेब पर प्रकाशित एक आलेख के मुताबिक कलश घाटी के लोग इस्लाम धर्म की बजाय तमाम देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। पहाड़ी घर आपस में सटे हुए हैं। छत

चीअर्स or फीअर्स

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b old n beautiful: gabriella pasqualott as mumbayee indians cheer leader दक्षिण अफ्रीकी चीअर गर्ल गैबरीला का ब्लॉग उस मानसिकता की पोल खोल ता है जो पूरी दुनिया में मौजूद है। क्या गोरे, क्या काले कोई इससे अछूता नहीं। गैबरीला का यह कहना कि ऑस् ट्रे लियाई  खिलाड़ी  तो हमें मांस  के टुकड़े समझते हैं महज सनसनी पैदा नहीं कर ता बल्कि चकित कर ता है, दुखी कर ता है। वह लिखती हैं , आईपीएल मैचों के दौरान जब हम भारतीय शहरों की सड़कों से गुजरते तो सबकी नजरे केवल हम ही पर होतीं। जैसे हम अश्लीलता का चलता-फिरता बाजार हो। उफ! बरदाश्त नहीं होता था यह सब। गैबरीला भारतीय खिलाडिय़ों के सद्व्यवहार की तारीफ करती हैं वहीं महिलाओं के बारे में कहती हैं कि वे दोहरा व्यवहार करती हैं। पहले तो हमें देखती हैं और फिर ऐसे जताती हैं जैसे हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं. मुंबई इंडियंस की बाईस वर्षीय इस खूबसूरत चीअर लीडर ने स्पष्ट किया है कि उसे जब   ब्लॉग लिखने का प्रस्ताव दिया गया था तो महज इतनी अपेक्षा थी कि अपनी आईपीएल और भारत यात्रा के   ब् यौरे साझा करूं। वे साफ कहती है

प्रेमपत्र

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कुछ दिनों से एक किताब साथ है। असद जैदी और विष्णु नागर संपादित यह ऐसा समय है के पहले संस्करण [१९९४] में यूं तो कई बेहतरीन कविताएं हैं और कुछ रेंखाकनों और टिप्पणियों से कई नई कविताएं भी उग आई हैं। फिलहाल बद्रीनारायण की एक कविता प्रेत आएगा किताब से निकाल ले जाएगा प्रेमपत्र गिद्ध उसे पहाड़ पर नोच खाएगा चोर आएगा तो प्रेमपत्र चुराएगा जुआरी प्रेमपत्र पर दाव लगाएगा ऋषि आएंगे तो दान में मांगेंगे प्रेमपत्र बारिश आएगी तो प्रेमपत्र ही गलाएगी आग आएगी तो जलाएगी प्रेमपत्र बंदिशें प्रेमपत्र पर ही लगाई जाएंगी सांप आएगा तो डसेगा प्रेमपत्र झींगुर आएंगे तो चाटेंगे प्रेमपत्र कीड़े प्रेमपत्र ही काटेंगे प्रलय के दिनों में सप्तर्षि, मछली और मनु सब वेद बचाएंगे कोई नहीं बचाएगा प्रेमपत्र कोई रोम बचाएगा कोई मदीना कोई चांदी बचाएगा, कोई सोना मैं निपट अकेला कैसे बचाऊंगा तुम्हारा प्रेमपत्र