संदेश

सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रिया चक्रवर्ती केस:अशर्फी की लूट, कोयले पर छापा

चित्र
अशर्फी की लूट,कोयले  पर छापा यानी ज़रूरी तफ़्तीश  पीछे छूट गई और आप मुँह छिपाने के नए-नए  रास्ते ढूँढने लगे। रिया चक्रवर्ती के साथ यही हो रहा है। एक 28 साल की लड़की की गिरफ़्तारी  इसलिए नहीं हुई है कि उसने 59 ग्राम ड्रग्स को अपने साथी सुशांत के लिए ख़रीदा बल्कि इसलिए कि वह एक लड़की है। वो लड़की जो अपने साथी के साथ बिना शादी के रह रही थी ,उस सड़ी -गली  मानसिकता को हवा दे रही थी जिसके मुताबिक ये मुंबई की लड़कियां ऊंचे ख्वाब देखती  हैं और सीधे-सादे अमीर लड़के को पटा लेती हैं ,फिर परिवार से दूर कर देती हैं और अपने खुद के परिवा र का घर भरती हैं। इसी मानसिकता के साथ तो देखता है एक मध्यम और निम्नवर्गीय परिवार अपनी  बहू को भी और फिर ये तो बहू भी नहीं थी। पंद्रह  करोड़ और हत्या की थ्योरी जब नहीं चली तो NCB  नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो  को 59 ग्राम नशे का सहारा मिला जो रेव पार्टी में अमीरों के बच्चों के पास यूं ही  मिल जाता है  और अगले दिन ही वे ज़मानत पर छूटकर घर आ जाते हैं। रिया को भी जमानत मिल सकती थी नहीं मिली ।  हाँ मुझे रिया की गिरफ्तारी से तकलीफ है,एतराज़ है  क्योंकि जांच की दिशा बदल दी गई ।