रिया चक्रवर्ती केस:अशर्फी की लूट, कोयले पर छापा




अशर्फी की लूट,कोयले 
पर छापा यानी ज़रूरी तफ़्तीश पीछे छूट गई और आप मुँह छिपाने के नए-नए रास्ते ढूँढने लगे। रिया चक्रवर्ती के साथ यही हो रहा है। एक 28 साल की लड़की की गिरफ़्तारी इसलिए नहीं हुई है कि उसने 59 ग्राम ड्रग्स को अपने साथी सुशांत के लिए ख़रीदा बल्कि इसलिए कि वह एक लड़की है। वो लड़की जो अपने साथी के साथ बिना शादी के रह रही थी ,उस सड़ी -गली मानसिकता को हवा दे रही थी जिसके मुताबिक ये मुंबई की लड़कियां ऊंचे ख्वाब देखती हैं और सीधे-सादे अमीर लड़के को पटा लेती हैं ,फिर परिवार से दूर कर देती हैं और अपने खुद के परिवार का घर भरती हैं। इसी मानसिकता के साथ तो देखता है एक मध्यम और निम्नवर्गीय परिवार अपनी बहू को भी और फिर ये तो बहू भी नहीं थी। पंद्रह  करोड़ और हत्या की थ्योरी जब नहीं चली तो NCB 
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को 59 ग्राम नशे का सहारा मिला जो रेव पार्टी में अमीरों के बच्चों के पास यूं ही मिल जाता है  और अगले दिन ही वे ज़मानत पर छूटकर घर आ जाते हैं। रिया को भी जमानत मिल सकती थी नहीं मिली । 


हाँ मुझे रिया की गिरफ्तारी से तकलीफ है,एतराज़ है  क्योंकि जांच की दिशा बदल दी गई । सुशांत सिंह राजपूत की हत्या और पैसों की लूट के साथ शुरू हुआ मामला ड्रग्स पर जाकर टिका दिया गया। आर्मी से रिटायर्ड डॉक्टर रिया के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल इंद्रजीत चक्रवर्ती  ने तो पहले ही कह दिया था कि बेटे के बाद उनकी बेटी को पकड़ा जाएगा और इस तरह एक मध्यम वर्गीय परिवार को तबाह किया जाएगा। यही हुआ भी एक वाट्सएप चैट के आधार पर यह गिरफ्तारी हुई ,कानूनन ऐसा नहीं होता है। उस ड्रग्स लिए जो कि सुशांत के लिए खरीदी गई थी जो अब इस दुनिया में नहीं है। लुटेरी लड़की,लुटेरी दुल्हन, हनी ट्रैप जैसी शब्दावली गढ़ने वला मीडिया ऐसे केस में खूब चाट-मसाला लगाता है। समाज भी आनंद लेता है आखिर  यह वही तो समाज है जो बेटी को पैदा नहीं होने देना चाहता, पैदा हो गई तो  मनपसंद पढ़ाई नहीं करने देना चाहता ,पढ़ ली तो अपनी पसंद की शादी नहीं करने देना चाहता, जो कर ली तो ऑनर के नाम पर उसकी हत्या कर देता है। यह पाखंडी समाज खुद दहेज़ देकर निपटाना चाहता है लेकिन प्रॉपर्टी में हक़ नहीं देना चाहता और बहू बनते ही उससे फिर बेटा पैदा करने की उम्मीद पाल लेता है।  जो नहीं पैदा कर पाई तो ज़बरदस्ती इलाज के दलदल में भी धकेल देता है। 
  रिया ऐसी नहीं थी। उसकी ख्वाहिशें रही होंगी और फिर उसने सुशांत जैसे लड़के से प्रेम कर लिया था। शायद यहीउयही गलती थी। अवसाद और नशा जिसकी आदत थे, रिश्ते में एक मोड़ भी आया होगा जिसकी आहट हम महेश भट्ट के साथ रिया चक्रवर्ती की चैट में महसूस कर सकते हैं। वह सुशांत का घर छोड़ रही थी।  दरअसल रिया चक्रवर्ती को पकड़ने का काम लड़कियों की आज़ादी को पकड़ने की भीकोभी है कि सुनो लड़कियो अपनी हद में रहो ,तुम कहाँ उड़ रही हो? आओ हम तुम्हारे पर काटें। 

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