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आपके दिल में पूर्वोत्तर और सिंध दोनों के लिए खोट है

कुछ दिन पहले कांग्रेस के सांसद रिपुन बोरा ने राजयसभा में  एक निजी प्रस्ताव देते हुए राष्ट्रगान में संशोधन की मांग की। इस प्रस्ताव में उन्होंने 'सिंध' शब्द हटाकर इसकी जगह 'पूर्वोत्तर' जोड़ने को कहा है। बोरा ने प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'सिंध' शब्द सिंध प्रांत का प्रतिनिधित्व करता है, जो अब भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान का हिस्सा है। इसे हटाना चाहिए और देश के एक महत्वपूर्ण हिस्से 'उत्तर पूर्व' क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले शब्द को जोड़ा जाए।  आज़ादी के इतने बरसों बाद और इस बीच यही लगता रहा कि पाकिस्तान से कभी भी यह एतराज़ आ सकता है कि भारत के राष्ट्रगान में सिंध शब्द क्यों है, यह तो हमारे देश का हिस्सा है लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बहुत अच्छा हुआ। तकलीफ़ की मरोड़ें हमारे अपने  ही  देश  से  उठती रही हैं। इस बार ये तकलीफ़  कांग्रेस के सांसद रिपुन बोरा को हुई  है। बेशक पूर्वोत्तर जोड़ा  जाना चाहिए लेकिन सिंध हटाकर क्यों ?  किसी को हटाकर किसी को जोड़ने को ही विस्थापन कहते हैं और  सिंधी इस पीड़ा को  भुगत चुके हैं।  इस भावुक और राष्ट्र-प्रेम से जुड़े मसले  पर कोई कि

चंदा कानून

सवाल -जवाब  इस समय देश में विपक्ष की भूमिका में कौन है ? सर्वोच्च न्यायालय ,एक दो एंकर ,कुछ-एक वेबसाइट्स,कुछ सोशल मीडिया लेखक और स्टैंड-अप कॉमेडियंस !! अगर जो ये सच नहीं तो क्यों 14 मार्च को बजट बिल बिना बहस के पास हो गया  और 42 साल पुराना वह  कानून  भी संशोधित होकर पारित जिसके तहत अब किसी भी राजनीतिक दल से यह नहीं पूछा जाएगा कि उसने  विदेश से कितना चंदा, कब और किनसे लिया है। न जांच हो सकती  है न अदालत जाया जा सकता है। है न पक्ष विपक्ष सब एक ?

दूध पिलाती मॉडल की तस्वीर अश्लील नहीं गैर ज़रूरी है

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यह तस्वीर  अश्लील भले ही नहीं है लेकिन ग़ैर ज़रूरी है और जो इरादा वाकई  सार्वजनिक स्थलों पर स्तनपान कराने की झिझक को मिटाने का है  तो माँ-बच्चे की असली तस्वीर होनी  चाहिए थी। यह  बच्चे के साथ फ़रेब है।  यह तस्वीरअश्लील भले ही नहीं है लेकिन ग़ैर ज़रूरी है क्योंकि इसमें माँ नहीं एक मॉडल (गिलू जोसेफ़) शिशु  को दूध पिला रही है। यह उस मासूम के साथ धोखा है जो गोद  में है।  गोद असली है लेकिन माँ नकली है। इस माँ ने इसे भ्रम दिया है कि वह इसे दूध पिलाएगी। यह बच्चे के साथ नाइंसाफ़ी है। आप ख़ूबसूरत हैं ,तस्वीर ख़ूबसूरत है आपका इरादा भी नेक हो सकता है लेकिन बच्चे के साथ यह व्यवहार बदसूरत है। बर्दाश्त करने के काबिल नहीं है।  फिल्म ताम तेरी गंगा मैली के नायिका मन्दाकिनी और उसके निर्देशक राज कपूर का भी यही अपराध था। उस बच्चे के बारे में कोई सचेत नहीं जो गोद में दिया गया है ,वह मॉडल नहीं है। क्या होता जो मलयाली पत्रिका गृहलक्ष्मी की माँ और संतान असली होते या फिर माँ धाय माँ ही होती। इनका अभियान वास्तव में सार्वजनिक स्थलों पर स्तनपान कराने में झिझकती माँ और उसे देखती निगाहों को सहज बनाना है तो जैविक माँ