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वे क़द्दावर नेता और मैं शिशु पत्रकार

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रार  नई ठानूंगा atal bihari vajpayee:1924-2018 वे  कद्दावर नेता और मैं शिशु पत्रकार। अटलजी से मई 1996 में गांधीनगर गुजरात में हुई मुलाक़ात का यही सार है। तब मैं दैनिक भास्कर इंदौर में रिपोर्टर थी। अख़बार ने अपने चुनिंदा रिपोर्टर्स को 1996 के लोकसभा चुनाव कवरेज  के लिए देश के कौने-कौने में भेजा था। मुझे गुजरात की ज़िम्मेदारी दी  गई । चूंकि मेरा ननिहाल गुजरात  में था और छुट्टियों का बड़ा हिस्सा बिलिमोरा ,गणदेवी में बीतने से गुजराती भाषा पढ़नी और कुछ हद तक बोलनी भी आ गई थी।  संयोग ऐसा बना कि इस यात्रा में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुरेशभाई मेहता ,केशु भाई पटेल , बाग़ी नेता शंकर सिंह वाघेला, गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  सब से  मुलाकात होती चली गई। सुरेशभाई मेहता तो बिलिमोरा ही आए हुए थे। अटलजी से मुलाक़ात तो जैसे एक रिपोर्टर का ख़्वाब पूरा होने  जैसी थी और वहीं  देश के वर्तमान प्रधानमंत्री से भी मिलना हुआ था। बहरहाल वह गांधीनगर का सर्किट हाउस था जहाँ अटल बिहारी वाजपेई साहब से मिलना था। सुबह का वक़्त   था। धड़कने हाथ से ज़ाहिर हो रही थीं। क़लम और क़ाग़ज़ जुड़ नहीं रहे थे। सर्किट हाउस साफ़ -सु

बेहतरीन है मुल्क

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वाकई बेहतरीन है मुल्क। उतनी ही जितना अपना मुल्क। कुछ महीनों से लग रहा था जैसे मुल्क में कुछ अच्छा नहीं हो रहा है। जैसे कोई बुरी नज़र ,कोई बुरा साया ,कोई नर पिशाच धीरे-धीरे किसी ज़िंदगी को लीलता है , मुल्क पर भी कोई ऐसा ही संकट मालूम होता। कौन मानता है इस दौर  में बुरी नज़र या काले साए  को ,मैं भी नहीं लेकिन जब इलाज नामालूम  हो तो मर्ज़ को ऐसे ही नाम दे दिए जाते हैं। बेचैनी यूं ही हावी होती रही  कि ऐसा क्या  फ़र्ज़ अदा हो कि मर्ज़  क़ाबू  किया जा सके। जब मुल्क देखी तो  लगा जैसे बेहतर सोचने वाले सृजनशील लोग भी हैं जो अपने सृजन से  दिलों पर जमीं गर्द मिटा रहे  हैं। खुद पर शर्म भी आई कि ऐसे कही जाती है बात। चुप पड़े रहना तो लकवा मार जाना  है।      अनुभव सिन्हा ने इस फिल्म के ज़रिये गहरा अनुभव सिद्ध किया है हालाँकि उनकी तुम बिन, रा-वन ,दस नहीं देखीं हैं। मुल्क दरअसल एक आवाज़ है जो देशभक्ति को परिभाषित करने की  राह में देशगान करती हुई लगती है और आज के कटीले हालात की जड़ों पर प्रहार भी करती है । मसलन एक मुसलमान अफसर को लगता है कि मुसलमान आतंकवादी को एनकाउंटर में ख़त्म करके ही कौम को सबक दिया जा सकता