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धारा 377 से बचते-बचाते हम लोग

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धारा 377 बाबा आदम के ज़माने  यानी 1860 का वह क़ानून है जिसमें  अप्राकृतिक  यौन सम्बन्धियों को जेल की सलाखों के पीछे धकेल दिया जाता है। जिन अंग्रज़ों के ज़माने का यह कानून है वे खुद भी अपने देश में इस आपराधिक क़ानून को कब का ख़त्म  कर चुके हैं  और 2014 से  सेम सेक्स में शादी को भी जायज़ मान रहे हैं।1967 से ही वहां समलैंगिकता अपराध के दायरे से बाहर  है।         हमारे यहाँ LGBT यानी लेस्बियन, गे, बायसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर्स के हक़ में पहली बार पूरी संवेदनशीलता के साथ 2009 में सोचा गया था जब दिल्ली हाई कोर्ट ने इन संबंधों को आपराधिक नहीं  माना था। सर्वोच्च न्यायालय को यह ठीक नहीं लगा  और  दिसंबर 2013  में  इसे पलट दिया गया। साथ ही यह भी कहा कि इसे संसद के ज़रिये ही हटाया जा सकता है। संसद इस मुद्दे पर खुली बहस से बचती आई है जबकि भारतीय संस्कृति में वात्स्यायन के शब्दों के साथ ही खजुराहो के मूर्ति शिल्प में भी इसके खुले  दर्शन होते हैं। सभी धर्मों के हिसाब से देखा जाए तो वहां यह कृत्य मान्य नहीं है बल्कि  पाप है। बावजूद इसके दुनिया के कई देश जिनमें बेल्जियम नीदरलैंड्स ,कनाडा,पुर्तगाल, स्पेन, न्यूज़

और कितना गिरोगे ?

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और कितना गिरोगे ? हां कितना ? रेपिस्ट का मज़हब पूछते हो ? जिस स्कूल से बच्ची अगुआ होती है उसकी विचारधारा में विचरते हो ? एक अफवाह पर भीड़  बनकर निर्दोषों की जान ले लेते हो ? अपनी ही विदेश मंत्री के खिलाफ गालियां लिखते हो? कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी की बेटी के साथ रेप  करना चाहते हो ? कौन हो तुम लोग और जब संस्था थॉमस रायटर्स फॉउंडेशन भारत को महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक मुल्क बताती है तो नाराज़ होकर इसे स्वीकारने से ही इंकार कर देते हो ? हद है भाई मुद्दे को साम्बोधित ही नहीं करना चाहते । कठुआ, उन्नाव,मंदसौर  और कितने सबूत चाहिए हमें कि हम पीड़िता के हक़ में नहीं दुष्कर्मियों के मज़हब में दिलचस्पी रखते हैं। इक्कीसवीं सदी में इतना छोटा , निम्न और तुच्छ कौन बना देता  है हमें ? अफसोसनाक तो यह है कि हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के लिए भी अब बेहूदी भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है और हमारे कथित नेता बोलने में ही झिझक रहे हैं। अभद्र भाषा किसी के भी ख़िलाफ़ हो आप चुप्पी साधकर काम निकालने  वालों  में हैं तो आप भी दोषी हैं । आप जिस संस्कृति का यशोगान करते हैं उसमें तो दूर -दूर तक अ