नाओजी शिबाता का देश



naoji shibata : journalist from japan
  तेरह साल पहले जोधपुर में एक जापानी पत्रकार नाओजी शिबाता से मुलाकात हुई. नाओजी टोक्यो से आये थे और वहां के सबसे प्रतिष्ठित बड़े   और पुराने अखबार  असाही शिम्बुन [sun] से ताल्लुक रखते थे. यह वह दौर था जब पोकरण [जुलाई १९९८] के सफल परमाणु परीक्षण के बाद  भारत बहुत खुश था और पूरी दुनिया चिंतित. यह वह चिंता नहीं थी कि भारत ने यह ताकत हासिल कर ली है बल्कि यह आज जैसे जापान वाली चिंता थी. जापान वह देश है जो दूसरे विश्व युद्ध  में हिरोशिमा और नागासाकी  शहरों पर बरसाए कहर को आज भी जी रहा है  और परमाणु शक्ति का केवल शांतिपूर्ण इस्तेमाल चाहता है. सुनामी के साथ आई तबाही में उसके परमाणु संयंत्र जल रहे हैं और इस बार हमला दुश्मन देशों का नहीं है
 

बात पत्रकार नाओजी शिबाता कि चल रही थी. उन्होंने मुझसे सवाल किया कि क्या आपकी नज़रों में परमाणु परीक्षण  करना ठीक है ..और यह तो आपके ही इलाके में ही हुआ है ..क्या आप नहीं जानती कि विश्वयुद्ध  के बाद हमने इसे झेला है और विकिरणों  का प्रभाव इतना घातक है कि अब तक नस्ल सामान्य नहीं हो पाई है ? इन तमाम सवालों का मुझ मूढ़ के पास एक ही जवाब था ....हाँ हमने सही किया है ..हमारे पास पकिस्तान जैसा दुश्मन है और हमें अपनी सुरक्षा के लिए इस ताकत क़ी ज़रुरत है . वे सुनना चाहते थे कि ऐसे परीक्षण मानवता के लिए अभिशाप हैं . ये सिर्फ तबाही मचाएँगे. खासकर भारत जैसे देश जिसे अपनी जनता को बुनियादी सुविधाएं देना अब भी शेष है ,हमें कोई हक़ नहीं बनता कि  प्रथ्वी को ख़तरे में डालें .
 

आज नाओजी का देश तकलीफ में है .वह जापान जिसकी मिसालें सुनकर हम बड़े हुए हैं . हमारे बड़े उनके अनुशासन और राष्ट्रभक्ति का गुणगान करते आये हैं .बच्चे शिनचेन  कि शैतानियों का आनंद तो लेते ही हैं, डोरेमोन के आधुनिकतम गैजेट्स और कित्रेत्सू के नए-नए अविष्कारों से भी बहुत सीखते हैं .ये कार्टून्स उन्हें ऐसी दुनिया में ले जाते हैं जहाँ वे दूसरों का ज्यादा से ज्यादा भला कर सकते हैं . बेशक,जापान हमारे लिए प्रेरणा से भरा जिंदा देश है .विपदा में हम सब भागते हैं सुरक्षित इलाकों कि ओर. भारतवासी भी दौड़-दौड़ कर घर लौट रहे हैं लेकिन अबकी बार जापान ने १९९५ कि तरह सहायता लेने से इनकार नहीं किया है . वहां के लोग पूरे सपर्पण से इस प्राकृतिक आपदा के मुकाबले में लगे हैं . अपना सब कुछ लुटाने के बाद भी उन्होंने अपनी फितरत नहीं त्यागी है वे अपनी बारी का इन्तजार करते हुए क्यू में ही खड़े हो रहे हैं .
परमाणु संयंत्रों में लगी आग  से जापान खतरे में है. आपका परमाणु कार्यक्रम भले ही सकारात्मक दिशा में हो लेकिन आप उनकी फितरत नहीं बदल सकते . तबाही उनकी ऊर्जा में छिपी है.
इस निजाम को चालानेवाले से छोटी सी प्रार्थना कि  नाओजी का देश फिर जल्दी आबाद हो.

टिप्पणियाँ

  1. बस यही प्रार्थना है मेरी भी की वो लोग जल्दी ही वापस पूरी तरह से पहले जैसे हो जाये

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  2. समर्पित विशेषज्ञों के दल समस्या से निबटने में लगे हुए हैं, जो भी होगा अच्छा ही होगा! नाओजी शिबाता के देश जापान को शुभकामनायें!

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  3. नाओजी का देश फिर से आबाद होगा और बहुत जल्दी होगा.

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