हरी आँखोंवाली लड़की

शफ्फाफ़  रंगतवाली एक लड़की
हरी आँखों से हैरत टपकाए पूछती है
वाकई , उन्होंने आपसे कहा था
जीवन के किसी भी मोड़ पर
तुम्हें लगे कि बस, अब इस रिश्ते से
बहार जा चुकी है और तुम्हें
बाहर आना है
मैं एक पल भी नहीं लगाऊंगा अलग होने में ?

हाँ, कहा था
रिश्तों की जम्हूरियत पर
जब हरियाली पनपती है
 ये ज़मीं जन्नत  मालूम होती है
...और मैंने जी है वो जन्नत
जीते जी

 तुम उम्मीद कायम रखो लड़की.

टिप्पणियाँ

  1. हाँ, कहा था
    रिश्तों की जम्हूरियत पर
    जब हरियाली पनपती है
    सुन्दर व सटीक पंक्तियाँ
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह....
    एहसासों को महसूस किया जा सकता है इन पंक्तियों में...
    सुन्दर!!!!

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  3. सजीव लगे आपके शब्दों में ढले भाव ....

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही गहरे भावो की अभिवयक्ति......

    जवाब देंहटाएं
  5. कोमल अहसासों की अभिव्यक्ति.....
    सुन्दर...
    :-)

    जवाब देंहटाएं
  6. रिश्तों की आस में टिकी, जीवन की श्वाँस..

    जवाब देंहटाएं
  7. sahi shabd he shaffaf na ki shaffak. baki kavita bhavpurn he.rishto ki bunavat ki bareek turpai he ye.

    जवाब देंहटाएं
  8. जीवित संवाद "मैं एक पल भी नहीं लगाऊंगा अलग होने में"

    जवाब देंहटाएं

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