जय हो

मैंने भी ब्लॉग स्कूल मे दाखिला ले लिया है। कभी कभार मिला करेंगे।

टिप्पणियाँ

  1. logon to
    www.ni-shabd.blogspot.com
    see the world of silence.
    tarunssssssssssss

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  2. kyonki roz likhna mushkil he .rekhon ka khel nahin. sorry vaise agya ho to koi sateek kartoon lena chahoongee

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  3. किताब में पढ़ लिया
    और तुमने मान भी लिया
    कि मीडिया सच का आईना है !

    तुमने जिल्द पर शायद देखा नहीं
    वो किताब तो पिछली सदी में लिखी गई थी
    तब से अब तक में 'सच' न जाने कितनी पलटियां ले चुका
    और तुम अभी भी यही मान रही हो
    कि मीडिया सच को दिखाता है !

    सुनो
    नई परिभाषा ये है कि
    मीडिया सच पर नहीं
    टीआरपी पर टिका है

    पर एक सच और है

    मीडिया मजबूर है
    और जो खुद मजबूर है
    वो तुम्हें रास्ता क्या-कैसे दिखाए

    हां, तुम ठीक कहती हो
    हम-तुम दोनों मिलकर एक नए मीडिया की तलाश करते हैं
    बोलो, मंगल पर चलें या प्लूटो पर
    अब यह तो तुम ही तय करो
    लेकिन सुनो
    वक्त गुजारने के लिए
    ये सपना अच्छा है न! (साभार: वर्तिका नंदा के ब्लॉग से )

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